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कैसे लगाएं एट्रियल फाइब्रिलेशन का पता?
अगर आपको सांस लेने में तकलीफ होती है, तो आपको एट्रियल फाइब्रिलेशन हो सकता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
6. डायबिटीज का करें उपचार
हाई ब्लड शुगर खून की नसों को बहुत तेजी से डैमेज कर सकती है और यह खून के थक्के बनाने की प्रक्रिया भी तेजी से कर सकती है। अगर आ़पको से डायबिटीज की समस्या है, तो आपको मस्तिष्काघात का खतरा भी अधिक हो सकता है। इसलिए अगर ब्रेन स्ट्रोक के खतरे से बचना है, तो अपने डायबिटीज का उपचार कराएं और ब्लड शुगर को नियंत्रित करें। इसके लिए इन बातों का रखें ख्यालः
- अपने डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवा और आहार का सेवन करें
- साथ ही, उचित एक्सरसाइज भी करें
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7. एक्सरसाइज से करें दोस्ती
शरीर का आलसपन अपने आप में ही बीमारियों का घर होता है। इसलिए, अपने शरीर को हमेशा एक्टिव रखें। हफ्ते के 5 दिन कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
आपको किस तरह की एक्सरसाइज करनी चाहिए, यह आपके स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर कर सकती है। इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए आमतौर पर इन आदतों को भी अपना सकते हैंः
- हर सुबह नाश्ता करने के बाद थोड़ी देर टहलें। खाने के बाद टहलने से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
- अगर आपके पास एक्सरसाइज करने के लिए 30 मिनट का समय नहीं है, तो इसे दिन में तीन बार 10-10 मिनट के लिए भी कर सकते हैं।
- ऐसे एक्सरसाइज न करें, जिसकी वजह से आपकों सांस लेने में बहुत ज्यादा परेशानी हो।
- लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल अधिक करें।
- स्ट्रोक से बचना है तो स्ट्रेस फ्री रहें। स्ट्रेस स्ट्रोक का मुख्य कारण हो सकता है।