क्या विरासत में मिलती है ये बीमारी?
GM2 गैंग्लियोसिडोसिस (GM2 Gangliosidosis) एक ऐसी स्थिति है, जो ऑटोसोमल रिसेसिव पैटर्न में (Autosomal recessive pattern) है। इसका मतलब होता है कि प्रत्येक कोशिका में जीन की दोनों कॉपीज में म्यूटेशन होता है। बच्चे के पेरेंट्स में ऑटोसोमल रिसेसिव कंडीशन के म्यूटेड जीन होते हैं लेकिन आमतौर पर उन लोगों में इसके लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।
इस कंडीशन को किन नामों से जाना जाता है?
इस बीमारी को अन्य नामों से भी जाना जाता है। GM2 गैंग्लियोसिडोसिस (GM2 Gangliosidosis) को, एक्टिवेटर डिफिसिएंसी, AB वैरिएंट (AB variant), GM2 एक्टिवेटर की कमी से होने वाला रोग (GM2 activator deficiency disease), GM2 गैंग्लियोसिडोसिस (GM2 Gangliosidosis) टाइप AB, हेक्सोसामिनिडेस एक्टिवेटर की कमी (Hexosaminidase activator deficiency), टे-सैच, एबी वैरिएंट (Tay-Sachs disease, AB variant) आदि नामों से भी जाना जाता है।
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बच्चों को अनुवांशिक बीमारी के रूप में एक नहीं बल्कि कई बीमारियां हो सकती हैं लेकिन ये पेरेंट्स के जीन पर निर्भर करता है। बीमारी के जीन बच्चों को माता-पिता से ही मिलते हैं या फिर जीन में म्यूटेशन के कारण भी रेयर डिजीज हो सकती है। अगर आपको बच्चे में किसी प्रकार की कोई भी दिक्कत महसूस हो रही हो, तो डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए। रेयर डिजीज का मतलब होता है ऐसा डिजीज, जो बहुत कम लोगों को होती हो। यानी कि 100 में से 1 लोगों को ऐसी डिजीज हो सकती है। रेयर डिजीज का इलाज या ट्रीटमेंट होता है या फिर नहीं, इस बारे में आपको डॉक्टर से ही जानकारी लेनी चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से अधिक जानकारी मिल गई होगी। आप GM2 गैंग्लियोसिडोसिस (GM2 Gangliosidosis) के बारे में अन्य जानकारी के लिए डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं।
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