नो स्मोकिंग डे दुनियाभर में तम्बाकू या तम्बाकू उत्पाद जैसे सिगरेट, बीड़ी, हुक्का आदि से होने वाली शारीरिक समस्याओं के बारे में जागरुक करने के लिए मनाया जाता है। सबसे पहला नो स्मोकिंग (Smoking) डे यूनाइटेड किंगडम में 1984 में एश वेडनेस्डे के दिन मनाया गया है। लेकिन, अब इसे हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को मनाया जाता है और 2020 का नो स्मोकिंग डे 11 मार्च को है। इसलिए, हम सिगरेट के अलावा फ्लेवर्ड हुक्का के सेवन से होने वाले नुकसानों की बात कर रहें हैं, क्योंकि यह भी स्मोकिंग का एक प्रकार है।
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फ्लेवर्ड हुक्का (Flavoured hookah) क्या होता है?
फ्लेवर्ड हुक्का एक वाटर पाइप होता है, जिसकी मदद से तम्बाकू का सेवन या स्मोक किया जाता है। समय के साथ तम्बाकू के साथ एप्पल, चॉकलेट, कोकोनट या वाटर मेलन जैसे स्वीट फ्लेवर भी मिलाए जाने लगे। हुक्का सदियों से पर्सिया और भारत में इस्तेमाल किया जाता रहा है। भारत में कई महफिलों और बैठकों में हुक्का एक महत्वपूर्ण अंग की तरह उपयोग में लाया जाता रहा है। हालांकि, भारतीय सरकार ने अब इसके इस्तेमाल को लेकर कई नियम बना दिए हैं। फ्लेवर्ड हुक्का के लिए वाटर पाइप, शीशा आदि अन्य नाम भी इस्तेमाल किए जाते रहे हैं। लेकिन, सबसे मुश्किल बात यह है कि भारत में यह मान्यता है कि फ्लेवर्ड हुक्का का सेवन करना सिगरेट या अन्य तम्बाकू उत्पाद का सेवन करने से कम या बिल्कुल न के बराबर नुकसानदायक होता है, जो कि बिल्कुल गलत मान्यता है।
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