सर्जरी कराने का निर्णय एक प्रमुख है। इससे पहले कि आप सर्जरी करने का फैसला करें, यह जानना सुनिश्चित करें कि क्या ऑपरेशन का सुझाव दिया जा रहा है या उसके लिए कोई विकल्प मौजूद है, क्या जोखिम है और रिकवरी प्रक्रिया में क्या शामिल है। ध्यान रखें कि हर व्यक्ति की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। आपका डॉक्टर आपको सूचित कर सकता है कि सर्जरी आपको इच्छित परिणाम नहीं भी दें ऐसा हो सकता है।
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अर्थराइटिस उपचार के प्रकार के लिए फिजियोथेरिपी
एक फिजियो थेरिपिस्ट आपको सुरक्षित और प्रभावी ढंग जीवन जीने में मदद कर सकता है। फिजियो थेरिपिस्ट ऐसी स्थितियों को रोकने, निदान और इलाज या उपचार करने में मदद करते हैं जो शरीर की गति और दैनिक जीवन में कार्य करने की क्षमता को कम करते हैं फिजिकल थेरिपिस्ट शरीर को योग्य गति प्रदान करने की क्षमता पर ध्यान केंद्रित करते हैं। गतिविधियों में अंदर और बाहर निकलने से लेकर सीढ़ियां चढ़ने, अपने आसपास घूमना, कोई खेल खेलना या मनोरंजक गतिविधियां करना कुछ भी हो सकता है।
इस बीमारी में फिजियो थेरिपिस्ट के लक्ष्यों में जोड़ों के गति में सुधार करना, जोड़ों कि ताकत बढ़ाना और फिटनेस बनाए रखना और दैनिक गतिविधियों को करने की क्षमता बढ़ाना शामिल हैं।
बुजुर्गों में अर्थराइटिस से बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
अर्थराइटिस की समस्या किसी भी उम्र में किसी भी लिंग के व्यक्ति को प्रभावित को कर सकता है। हालांकि, इसकी समस्या बुजुर्गों में सबसे होती है। क्योंकि बढ़ती उम्र में हड्डियों का विकास रूकने लगता है और वे कमजोर होने लगती हैं। इसलिए अगर आप 50-60 की उम्र के अर्थराइटिस की समस्या से बचे रहना चाहते हैं, तो आपके अपने 30 से 40 उम्र के पड़ाव में अपने दैनिक आहार और शारीरिक एक्टीवीटिज का खास ख्याल रखना चाहिए।
बुजुर्गों में अर्थराइटिस से बचाव के लिए निम्न बातों का ध्यान रखा जा सकता है, जिसमें शामिल हो सकते हैंः