अगर मिसकैरेज प्रेग्नेंसी प्लानिंग के बाद होता है, तो मिसकेरेज से कैसे बाहर आएं एक बड़ी चुनौती हो सकती है। इसलिए अगर आपका रोने का मन है या गुस्सा हैं, तो उसे उसी समय जाहिर कर लें।
खुद को या किसी और को दोष न दें
मिसकैरेज के कई कारण हो सकते हैं। कई बार जहां, कुछ दवाओं के प्रभाव से, तो वहीं कई बार किसी न किसी तरह के शारीरिक गतिविधि के कारण भी हो सकता है। इसलिए ऐसा होने पर खुद को या किसी अन्य को जिम्मेदार न ठहराएं। इस बात का ध्यान रखें कि आपके साथ-साथ आपके अन्य चाहने वाले भी इससे इतना ही दुखी होते हैं जितना आप।
साथी और घरवालों से बात करें (Talk to friends and family )
अगर मिसकैरेज के बाद आप खुद को एक कमरे में बंद करके रखेंगी या किसी से बात नहीं करेंगी, तो आपको डिप्रेशन हो सकता है। इसलिए, ऐसे समय में थोड़ा हिम्मत से काम लें। अपने साथी और घरवालों से खुलकर बात करें। इस समय जितना दुखी और गुस्सा आप होंगी, उतना ही दुखी और गुस्सा आपके परिवार वाले भी हो सकते हैं। इसलिए, उनसे बात करें। ताकि, भविष्य में जितनी जल्दी हो सके आपके जीवन में सबकुछ पहले जितना सामान्य हो सके।
बार-बार इसी के बारे में बात न करें
अगर आपको अपने मिसकैरेज को लेकर किसी तरह का अंदेशा है, तो उसके बारे में उनसे बात करें। लेकिन, बार-बार इसी के विषय में बात न करें। इससे सबको बार-बार दुख होगा और वे चिड़चिड़े भी हो सकते हैं।
साथी के साथ निजी संबंधों पर ध्यान दें (Focus on personal relationship with partner )
ध्यान रखें कि आप जितनी जल्दी खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वथ्य करेंगी, उतनी ही जल्दी आप मिसकेरेज से कैसे बाहर आएं के तरीकों से सफल हो सकती हैं। जिसके बाद आप जल्द ही दोबारा से बेबी प्लानिंग कर सकती हैं और पहली बार हुई गलतियों को दोहराने से भी बच सकती हैं। हालांकि, मिसकैरेज के बाद लगभग चार से छह महीनों तक साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाने से परहेज करें। इससे आपको इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।