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स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) कैसे करें कम?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/09/2021

    स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) कैसे करें कम?

    स्टिलबर्थ से मतलब प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह के बाद गर्भ में बच्चे की मृत्यु से है। स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) वैसे तो कम होता है लेकिन कई बार इसका पता नहीं चलता। ज्यादातर स्टिलबर्थ, लेबर पेन के शुरू होने पहले हो जाता है। 100 प्रेग्नेंसी में से एक प्रेग्नेंसी को स्टिलबर्थ प्रभावित करता है।

    स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) कुछ महिलाओं में अधिक होता है वहीं दूसरी महिलाओं में इसका खतरा कम रहत है। स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) कम करने के लिए कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी होता है। स्टिलबर्थ के कारणों में मुख्य रूप से प्रीक्लेम्पसिया और कुछ इंफेक्शन को शामिल किया गया है। स्टिलबर्थ के बाद भी स्वस्थ्य प्रेग्नेंसी की पूरी संभावना रहती है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए किस तरह से स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) कम किया जा सकता है?

    स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth): आखिरी तिमाही के दौरान रखें ध्यान

    प्रेग्नेंसी की आखिरी तिमाही के दौरान महिलाओं को सोने में समस्या होती है। स्टडी में ये बात सामने आई है कि प्रेग्नेंसी में सोने की पुजिशन भी स्टिलबर्थ का कारण बन सकती है। महिलाओं को अपने सोने के पॉश्चर पर ध्यान देना जरूरी है। स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) सबसे ज्यादा सोने के पॉश्चर की वजह से होता है इसलिए पहले से गर्भवती महिलाओं को अपने सोने के पुजिशन पर ध्यान देना चाहिए। जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के 28वें सप्ताह के दौरान पीठ के बल सोती हैं, उनमें स्टिलबर्थ की संभावना बढ़ जाती हैं। मैटरनल स्लीप पुजिशन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। आप इस बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करें।

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    फीटल मूमेंट का कम होना (Decreased fetal moment)

    प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं फीटल मूमेंट को अनुभव करती हैं, लेकिन मूमेंट के कम होने पर उनका ध्यान इस ओर कम ही जाता है। कई बार बेबी की ग्रोथ ठीक से न होने पर या फिर डिसेबिलिटी होने पर बच्चे का मूमेंट कम हो जाता है। कई बार फीटल मूमेंट का रूकना स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) दर्शाता है। अगर आपको भी बच्चे के मूमेंट में कमी महसूस हो रही हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) कई बार महिलाएं पहले महसूस करती हैं क्योंकि उनको फीटल मूवमेंट को समझने में परेशानी होती है।

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    स्मोकिंग हो सकती है जानलेवा (Smoking can be fatal)

    आप स्मोकिंग के खतरों से तो वाकिफ होंगी ही, लेकिन शायद ये नहीं पता होगा कि अगर आपने प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग की तो ये आपके बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। स्मोकिंग के कारण स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) बढ़ जाता ता है। स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) होने की वजह से डॉक्टर प्रेग्नेंट महिलाओं को स्मोकिंग कम करने की सलाह देते हैं। साथ ही एल्कोहॉल का सेवन करने के लिए भी डॉक्टर मना करते हैं। तो अगर आप स्मोक करती हैं और प्रेग्नेंसी के दौरान  स्टिलबर्थ का खतरा कम करना चाहती हैं तो आज ही स्मोकिंग को कहें बाय।

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    स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) कम करने के लिए बेबी का चेकअप है जरूरी

    प्रेग्नेंसी के दौरान बेबी का चेकअप बहुत जरूरी है। जब बेबी की अच्छे से ग्रोथ नहीं हो पाती है तो ऐसे में स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) हो सकता है। सही समय पर जांच कई बार स्टिलबर्थ का खतरा कम कर सकता है। जब भी डॉक्टर चेकअप के लिए बुलाए, जरूर जाएं। ऐसे में लापरवाही बरतना आपके बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

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    स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) कम करने के लिए सुधारें बर्थ टाइमिंग

    स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) अधिक होने के कई कारण हो सकते हैं। अगर महिला बर्थ टाइमिंग पर ध्यान दे, तो स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) कम किया जा सकता है। कुछ कारण स्टिलबर्थ का खतरा बढ़ाते हैं जैसे-

    • अगर महिला की उम्र 35 साल से अधिक है
    • महिला स्मोकिंग करती है
    • अगर महिला को प्रेग्नेंसी के पहले से ही डायबिटीज है
    • पहला बच्चा होने वाला है।
    • पहले भी स्टिलबर्थ हो चुका है।
    • कई बार प्रेग्नेंसी का समय पूरा हो जाने पर भी कारणवश स्टिलबर्थ हो जाता है।

    स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) है वजायना से खून आना

    प्रेग्नेंसी के दौरान वजायना से खून का आना खतरे की घंटी भी हो सकती है। अगर आपको वॉटरी या कलर डिस्चार्ज हो रहा है   तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ये इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है जो आपके बेबी के लिए भी खरतनाक है। प्रेग्नेंसी की शुरुआत में वजायना से हल्का सा खून आना कई बार नॉर्मल होता है, लेकिन आपके साथ ऐसा कुछ भी होता है तो आपको तुरंत जांच करवानी चाहिए क्योंकि आपका डॉक्टर इन परिस्थितियों को बेहतर समझ सकता है।

    अचानक से धुंधला दिखना (Sudden blurred vision)

    प्रेग्नेंसी के दौरान थकान आम बात है, लेकिन अचानक से धुधंला दिखना और सिरदर्द की समस्या होना ठीक नहीं है। ये प्रीक्लेम्पसिया का संकेत हो सकता है। प्री एक्लेमप्सिया कई बार ज्यादा समस्या खड़ी नहीं करता है, लेकिन कुछ प्रेग्नेंसी में ये मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। आपको इस दौरान कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं जैसे-

    • हाथ, चेहरे और शरीर के ऊपरी भाग में सूजन का दिखाई देना।
    • तेज सिरदर्द के साथ ही उल्टी होना।
    • खड़े होने पर या कई बार अचानक ही धुंधला दिखाई देना और किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित न कर पाना।
    • पसलियों के नीचे की ओर तेज दर्द महसूस होना।
    • इंफेक्शन – प्रत्येक 10 स्टिलबर्थ में से 1 से अधिक की मृत्यु, भ्रूण में या प्लेसेंटा में इंफेक्शन के कारण या मां को गंभीर संक्रमण के कारण होती है। 24 सप्ताह से पहले और इस दौरान इंफेक्शन स्टिलबर्थ का एक सामान्य कारण है।

    अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ भी अजीब लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हो सकता है कि आपको समस्या हो, लेकिन लक्षण साफतौर पर समझ नहीं आ रहे हो। बेहतर होगा कि आप प्रेग्नेंसी के दौरान नियमित जांच कराएं और अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें। स्टिलबर्थ का खतरा (Risk of stillbirth) कम करने के लिए आपको अपने फीटल मूवमेंट पर ध्यान देना होगा। किसी भी तरह की शक की स्थिति में अपने डॉक्टर से मिलें।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और स्टिलबर्थ के खतरे से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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