अगर आप ये सोचते हैं कि कब्ज और ब्लोटिंग की तकलीफ आपको ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाएगी, तो आप गलत सोच रहे हैं क्योंकि अगर लंबे समय तक आप कब्ज और ब्लोटिंग (पेट फूलने की समस्या) के चंगुल में फंसे रहते हैं, तो आपको बड़ी सी बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इन दिक्कतों में बवासीर और फिशर जैसी बड़ी बीमारियों का नाम पहले आता है। इसे और बेहतर समझने के लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह बेहद जरूरी है। इसलिए इस तकलीफ के बारे में हमने बात की मुंबई के फॉर्टिस हॉस्पिटल की गेस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉ नूतन देसाई से, जिन्होंने बताया,“खाने के बाद पेट फूलने की तकलीफ लोगों में बेहद आम बात हो चली है। ये कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि गलत डायट, एसिडिटी, कॉन्स्टिपेशन और क्रॉनिक पेन्क्रियाटाइटिस। खास तौर पर ब्लोटिंग और कॉन्स्टिपेशन की तकलीफ आपको इसलिए ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है, क्योंकि ब्लोटिंग की वजह से आपकी डायट पर असर पड़ता है। ब्लोटिंग की वजह से आपका फूड इनटेक कम हो जाता है, जिसकी वजह से आपको पेट दर्द, वॉमटिंग, वेट लॉस, अपच जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।”
डॉ नूतन ने आगे बताया कि, “इससे बचने के लिए आपको अपने बॉवेल मूवमेंट पर ध्यान देना होगा। कुछ खास तरह की चीजें आपकी ब्लोटिंग को बढ़ा सकती है, जैसे बीन्स, पत्तागोभी, ब्रोकली, कच्ची प्याज, आलू और कॉर्न। इसके अलावा आर्टिफिशियल स्वीटनर, सोडा, डेयरी प्रोडक्ट, दूध और फिजी ड्रिंक भी आपकी ब्लोटिंग की तकलीफ को बढ़ा सकती है, इसलिए इन चीजों से परहेज कर हम कॉन्स्टिपेशन के कारण होने वाली ब्लोटिंग से छुटकारा पा सकते हैं।”
देखिए,कब्ज और ब्लोटिंग (पेट फूलने की समस्या) से जुड़ी तकलीफों के बारे में सिर्फ हम नहीं, एक्सपर्ट भी एक ही बात कह रहे हैं कि आपको जल्द से जल्द इसका हल ढूंढना चाहिए। वैसे इस तकलीफ के हल की बात हो ही रही है, तो हम आपको अपनी तरफ से कुछ और पहलूओं के बारे में बताना चाहते हैं। वो क्या है जानते हैं? नहीं? चलिए आगे पढ़ते हैं!
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क्या करें जब पेट के दंगल में ब्लोटिंग (Bloating) दे दे आपको पटखनी?
जैसा कि हम पहले आपको बता चुके हैं, तकलीफ है, तो उसका हल भी जरूर होगा। ये हल क्या है जानते हैं? आपका खाना। जी हां! आपका खाना, जो आप रोज खाते हैं। अगर आप सही डायट लेते हैं, तो काफी हद तक कब्ज और ब्लोटिंग की तकलीफ से राहत पा सकते हैं। जॉन्स हॉपकिंस मेडिसिन्स के मुताबिक, ‘कब्ज और ब्लोटिंग का इलाज काफी हद तक आप अपने खाने में बदलाव लाकर भी कर सकते हैं। लो फर्मेंटेबल ऑलिगोसेकेराइड्स, डायसेकेराइड्स, मोनोसैकराइड्स और पॉलीओल्स कुछ ऐसी डायट्स हैं, जो गैस और ब्लोटिंग को बढ़ा सकती हैं। इन सभी डायट (diet) में ऐसे तत्व होते हैं, जो खाने को फर्मेंट करने के बाद गैस पैदा करते हैं और ब्लोटिंग की तकलीफ होती है।’ इसलिए इस डायट में कौन-कौन से फूड आयटम्स शामिल होते हैं, ये भी तो जानना जरूरी है!