डेक्स्ट्रोकार्डिया का निदान कैसे करते हैं?
दक्षिण-हृदयता के ज्यादातर मामलों का डायग्नोस इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईकेजी) और चेस्ट के एक्स-रे से किया जाता है। ईकेजी जो रिवर्सड इलेक्ट्रिकल वेव्स को दिखाता है, आमतौर पर डेक्स्ट्रोकार्डिया की ओर इशारा करता है।
डेक्स्ट्रोकार्डिया की पुष्टि के लिए डॉक्टर टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन या एक मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन का उपयोग भी कर सकते हैं।
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डेक्स्ट्रोकार्डिया का इलाज
डेक्स्ट्रोकार्डिया का इलाज तब ही किया जाना चाहिए अगर वह महत्वपूर्ण अंगों को ठीक से काम करने से रोकता है। पेसमेकर और सेप्टल डिफेक्ट्स को ठीक करने के लिए सर्जरी से हार्ट को सामान्य रूप से काम करने में मदद मिल सकती है।
यदि बच्चे में डेक्स्ट्रोकार्डिया है तो उसे औसत बच्चे की तुलना में अधिक संक्रमण हो सकता है। दवाएं आपके इंफेक्शन के जोखिम को कम कर सकती हैं। यदि बच्चे में स्प्लीन नहीं है या यह ठीक से काम नहीं करता है, तो इंफेक्शन को रोकने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं को लेने की सलाह दे सकते हैं। सांस की बीमारी से लड़ने के लिए आपको लम्बे समय तक एंटीबायोटिक लेने की आवश्यकता हो सकती है।
हार्ट दाईं ओर होने से पाचन तंत्र में रुकावट की अधिक संभावना होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि डेक्सट्रोकार्डिया कभी-कभी इंटेस्टिनल मेलरोटेशन (intestinal malrotation) की स्थिति को जन्म दे सकती है जिसमें आंत सही ढंग से विकसित नहीं होती है। उस कारण से, डॉक्टर बाउल या इंटेस्टिनल ऑब्स्ट्रक्शन के लिए भी बच्चे की जांच कर सकता है। इंटेस्टिनल ऑब्स्ट्रक्शन खतरनाक स्थिति है और अगर इसका इलाज सही से न किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकती है इसके डॉक्टर आपको सर्जरी कराने के लिए भी कह सकते हैं।
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