हाइपरएक्टिविटी (Hyperactivity) भी बच्चे में पोषण की कमी का संकेत
बहुत से बच्चे कभी शांत और आराम से नहीं बैठते हैं। उनका मस्तिष्क बहुत ज्यादा एक्टिव होता है। आपने भी देखा होगा कि इस तरह के बच्चे हर समय दौड़ते और कूदते हुए रहते हैं। हालांकि यह स्थिति बहुत हद तक आनुवंशिकी होता है लेकिन, कई बच्चे कई एक्टिव नहीं होते हैं क्योंकि वो अंदर से कमजोर होते हैं। इसलिए उनके भोजन में पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए, जैसे फल, दूध और हरी सब्जियां आदि। इस बारे में डॉक्टर की सलाह भी जरूर लें।
बोलने में देरी की समस्या (Delay in speech)
बच्चों में देर से बोलने की समस्या की मुख्य वजह है विटामिन बी-12 की कमी। इसलिए उन्हें विटामिन बी-12की कमी को पूरा करने के लिए सप्लिमेंट देना उचित नहीं है। बेहतर यह कि हम शिशु के आहार में ऐसे चीजों को शामिल करें जिन में प्रचुर विटामिन बी-12 में पाया जाता है। B12 वाले अहारों में अंडा, मीट, मछली, दूध और दूध से बने उत्पाद जैसे कि पनीर, छास, दही, इत्यादि है। अगर बच्चे को किसी फूड से एलर्जी है तो इस बारें डॉक्टरी सलाह लें।
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बच्चों में पोषण की कमी के कारण होता है मोटापा (Obesity and excessive weight problem)
क्या आप यह सोचते हैं कि, पोषक तत्वों की कमी से केवल कुपोषण होता है, जिसमें बच्चे दुबले पतले होते हैं, तो गलत है। आपको यह बात दें कि पोषण की कमी से मोटापा और अत्यधिक वजन की समस्या भी हो सकती है। दरअसल मोटापा और अत्यधिक वजन की समस्या कुपोषण से ही संबंधित है। इसलिए अगर बच्चें में ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चों में पोषण की कमी से रूखी त्वचा (Dry skin due to nutritional deficiency in children)
रूखी त्वचा और बालों की एक वजह यह भी है कि शिशु के शरीर में वसा विलय विटामिन (fat soluble vitamins) की कमी हो रही है उदाहरण के लिए विटामिन ए, डी, ई और के-2 इत्यादि। इन लक्षणों पर पेरेंट्स अकसर ध्यान नहीं दे पाते।
बच्चों में पोषण की कमी के कारण टेढ़े दांत (Crowding of Teeth)
अटपटा जरूर लगे आपको पर लेकिन, सच बात है कि अगर शिशु अत्यधिक घने दांतों (Crowding of Teeth) की समस्या से पीड़ित है तो हो सकता है उसके अंदर कुछ पोषक तत्वों की कमी (nutritional deficiencies) है। ऐसे होने पर मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती है।