के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
बेबी हार्ट मर्मर से बचाव को लेकर कोई खास उपाय नहीं है। लेकिन इस बात को जानना बहुत जरूरी है कि कहीं यह आपके लिए नुकसानहेद तो नहीं। इसके लिए समय रहते एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। बच्चों में कई प्रकार के मर्मर जैसे जैसे बच्चा बढ़ते जाता है उसके साथ ही चली जाती हैं। लेकिन वयस्कों में यदि वो चाहे तो लक्षणों को देख उसका बचाव कर सकते हैं।
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डॉक्टर हृदय की गति को सुनने के लिए छाती के विभिन्न हिस्सों पर स्टैथौस्कोप लगाते हैं। यह डॉक्टर को हार्ट मर्मरिंग की आवाज सुनने में मदद करता है क्योंकि कुछ बच्चों के हृदय की मर्मर की आवाज बेहद हल्की होती है।
हार्ट मर्मर को 1 से 6 के स्केल पर रेट किया जाता है कि वह तेज है या नहीं। ग्रेड 1 का मतलब होता है की साउंड बेहद सॉफ्ट है, वहीं ग्रेड 6 का मतलब होता है की साउंड बेहद तेज है। डॉक्टर के मर्मर की आवाज का पता चलने पर वह बच्चे को पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट के पास ले जाने की सलाह दे सकते हैं।
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निम्न कुछ ऐसी टिप्स हैं जिनकी मदद से आपको डॉक्टर को समस्या के बारे में बताने और इलाज को समझने में आसानी होगी।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में बेबी हार्ट मर्मर से संबंधित हर जरूरी जानकारी देने की कोशिश की गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो आप अपना सावाल हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमसे कमेंट में बता सकते हैं।
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