अधोमुख श्वानासन को अष्टांग योग का सबसे महत्वपूर्ण योगासन माना जाता है। सूर्य नमस्कार के 7 आसनों में से एक आसान अधोमुख श्वानासन ही है। इस योगासन को करने से पैर और हाथों पर ज्यादा दवाब पड़ता है, जिससे जोड़ों और मसल्स को मजबूती मिलती है।
त्रिकोण आसन (Triangle Pose)
इस आसन को बॉडी को स्ट्रेट रखकर किया जाता है। इस योग को अपने दिनचर्या में शामिल करें से हिप्स (Hips), जॉइन्ट्स (Joints), पैरों (Leg) और छाती (Chest) को स्ट्रॉन्ग बनाया जा सकता है।
सेतु-बंध आसन (Bridge pose)
सेतु-बंध आसन को नियमित करने से घुटनों (Knee) की मांसपेशियों (Muscles) को मजबूत किया जा सकता है। वहीं ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) के मरीजों को भी इस आसान का लाभ मिलता है। इस योगासन से मस्तिष्क (Brain) को शांत कर टेंशन फ्री (Tension free) रहने में मदद मिल सकती है।
भुजगांसन (Bhujangasana)
योग गुरुओं की मानें,तो इस आसन को रोजाना करने से जोड़ों के दर्द (Joints pain) की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसलिए हायपरमोबाइल जॉइन्ट्स के पेशेंट्स के लिए भुजगांसन खास माना जाता है।
धनुरासन (Dhanurasana)
जोड़ों के दर्द या बैक पेन की समस्या को दूर करने के लिए यह आसन रामबाण माना जाता है। इसलिए हायपरमोबाइल जॉइन्ट्स (Hypermobile joints) के मरीजों को इस आसन को अवश्य करना चाहिए।
नोट: इन ऊपर बताये योगासनों से हायपरमोबाइल जॉइन्ट्स (Hypermobile joints) की समस्या से राहत पाया जा सकता है, लेकिन अगर आपने पहले योग नहीं किया है, तो पहले योगा एक्सपर्ट से योगासनों को समझें और योग करने का सही तरीका जानें और फिर इसे निमियत दिनचर्या में शामिल करें।
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