सूजन की वजह से भी प्लूरल कैविटी में तरल पदार्थ जमा हो जाता है, इसे प्लूरल इफ्यूजन कहा जाता है। इस स्थिति में दर्द भले ही कम हो, लेकिन आपके लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है। डॉक्टर आपको ड्यूरेटिक्स जैसी दवा दे सकता है या प्रक्रिया के तहत तरल पदार्थ को निकालता है।
और पढ़ें- हाइपरवेंटिलेशन क्या है?
उपचार
प्लूरिसी का उपचार (Treatment of pleurisy)
प्लूरिसी (Pleurisy) का उपचार करने से पहले डॉक्टर उसके कारणों का पता लगाता है, क्योंकि कारण जानने के बाद ही सही तरीके से उपचार किया जा सकता हैः
- यदि प्लूरिसी का कारण बैक्टीरिया हैं तो इसे एंटीबायोटिक्स देकर ठीक किया जाता है।
- यदि फंगस की वजह से प्लूरिसी हुआ है तो डॉक्टर आपको एंटीफंगल दवा देगा।
- यदि प्लूरिसी वायरस के कारण हुआ है तो कुछ दिनों या हफ्ते में आप अपने आप ठीक हो जाते हैं।
प्लूरिसी से पीड़ित कुछ व्यक्तियों के प्लूरा की दोनों लेयर के बीच बहुत अधिक तरला पदार्थ जमा हो जाता है। ऐसे में डॉक्टर थोड़ा सा तरल निकालता है। वह प्लूरा के बीच की थोड़ी सी जगह में सुई डालकर ऐसा करता है।
दर्द कम करने के लिए पेनकिलर और स्टेरॉयड दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
यदि खांसी बहुत अधिक आ रही है जिससे दर्द बढ़ता है तो डॉक्टर खांसी कम करने की दवा देता है।
जिस तरफ दर्द हो रहा है उसी साइड सोने पर आपको दर्द से थोड़ी राहत मिलेगी। जैसे ही दर्द कम हो जाए ज्यादा और गहरी सांस लें।
याद रखें इस स्थिति में स्मोकिंग बिल्कुल न करें, क्योंकि इससे फेफड़ों में इरिटेशन हो सकती है। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी प्रकार की चिकित्सा और उपचार प्रदान नहीं करता है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।