के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
फ्लू एक इंफेक्शन है जो रेस्पिरेटरी सिस्टम (Respiratory System) को प्रभावित करता है। अधिकतर यह फेफड़ों को प्रभावित करता है और गंभीर मामलों में मृत्यु का कारण भी बन सकता है। यह एक संक्रामक वायरस है। डॉक्टर इसे इंफ्लूएंजा (Influenza) कहते हैं। इसके लक्षण आमतौर पर छींक और भरी हुई नाक से गंभीर होते हैं। यह एक इंसान से दूसरे में आराम से पास हो सकता है।
फ्लू की चपेट में आने की संभावना इन लोगों में ज्यादा रहती है:
फ्लू होना बेहद आम बात है। यह किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। फ्लू के मुख्य जोखिम कारणों को कम करके इसे रोका जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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फ्लू के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
ऐसे अन्य कई लक्षण हो सकते हैं जिनका उल्लेख यहां नहीं किया गया हो। यदि आपके कोई सवाल हैं तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
यदि आपको फ्लू का कोई संकेत या लक्षण मिलता हैं तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। फ्लू का हर किसी के शरीर पर अलग तरह से असर होता है। आप अपने डॉक्टर के साथ फ्लू से जुड़े खतरों का आंकलन कर इससे बचने के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं। हमेशा अपने डॉक्टर के साथ उपचार और निदान की उन विधियों के बारे में चर्चा करें जो आपके लिए सबसे अच्छा उपचार हो सकता है।
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फ्लू आमतौर पर वायरस के कारण होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, सीजनल इन्फ्लूएंजा होने के तीन सबसे मुख्य वायरस (ए, बी, और सी) हैं। टाइप ए इन्फ्लुएंजा तीनों वायरस से होने वाले इन्फ्लुएंजा में सबसे खतरनाक माना जाता है।
जो किसी को संक्रमण है और वह बात करते हुए खांसी या छींक देता है तो फ्लू वायरस बूंदों में हवा के माध्यम से यात्रा करते हैं। आप इस वायरस को सीधे सांस में ले सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है आप किसी वस्तु से कीटाणुओं के संपर्क में आ जाएं। जैसे टेलीफोन या कंप्यूटर कीबोर्ड को आप अपने आंख, नाक या मुंह से टच करें। इससे उनमें मौजूद कीटाणु आपके शरीर में प्रवेश कर लेंगे।
इन कारणों से फ्लू का खतरा बढ़ता है:
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार 6 महीने से अधिक उम्र के लोगों को हर साल फ्लू वेक्सिनेशन लेना चाहिए। ये आपको फ्लू सीजन में होने वाले तीन और चार इंफ्लुएंजा वायरस से सुरक्षा कवच प्रदान करेगा। इसके अलावा आप निम्नलिखित बातों का भी ध्यान रखकर इस इंफेक्शन की चपेट में आने से बच सकते हैं:
संक्रमण से बचने के लिए हर थोड़ी देर में बार बार हाथ धोना चाहिए। वायरस से बचने के लिए यह एक प्रभावी तरीका है। यदि आप ऐसी जगह हैं जहां साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है तो आप सैनिटाइजर का प्रयोग कर सकते हैं।
छींक या खांसी आने पर अपने मुंह और नाक को ढक कर रखें। अपने हाथों को दूषित करने से बचने के लिए, हमेशा टिश्यू पेपर में खांसे या छीकें।
फ्लू सीजन में भीड़ वाली जगहों पर न जाएं। फ्लू ऐसी जगह पर आसानी से फैलता है जहां एक साथ बहुत सारे लोग एकत्रित होते हैं जैसे चाइल्ड केयर सेंटर, स्कूल, ऑफिस, ऑडिटोरियम और पब्लिक ट्रांसपोर्ट आदि।
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कई रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार फ्लू का निदान लक्षणों के आधार पर ही किया जा सकता है लेकिन, कभी-कभी फ्लू की पहचान करने के लिए कुछ प्रयोगशाला परीक्षण भी होते हैं। यदि लक्षण शुरू होने के चार दिनों के भीतर ये टेस्ट किए जाते हैं तो ज्यादा फायदा होता है।
फ्लू के इलाज में रोगी को बेड रेस्ट करने और लिक्विड ज्यादा लेने के साथ एंटीवायरल दवा जैसे ऑसटेल्टामिविर (oseltamivir) या जैनामिविर (zanamivir) खानी पड़ सकती है। लक्षणों को नोटिस करने के तुरंत बाद इन दवाओं को लें।
यदि आपके पास अभी भी कोई प्रश्न हैं, तो बेहतर समाधान के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श लें।
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