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सांस की समस्या को कैसे करें मैनेज (How to manage respiratory problems)
सर्दियों में सांस की समस्या को मैनेज करने के लिए जरूरी है कि जितना संभव हो ठंड के संपर्क में कम से कम आएं। इसका अर्थ यह हुआ कि सुबह व रात के समय जब तापमान काफी कम होता है तो कोशिश करें कि घर के बाहर न निकलें। इसके अलावा यदि घर के बाहर जाते भी हैं तो ऐसे कपड़े पहनें ताकि ठंड न लगे।
रेस्क्यू इनहेलर का करें इस्तेमाल (Use a rescue inhaler)
यदि आपको सीओपीडी की शिकायत है तो सर्दियों में घर से बाहर जाने के पहले रेस्क्यू इनहेलर को अपने साथ रख लें, लेकिन इसके लिए डॉक्टरी सलाह जरूर लें। बल्कि घर से ही डोज लेकर बाहर निकलें। खासतौर पर तब, जब आप लंबी वाक पर या फिर आउटडोर में एक्सरसाइज के लिए निकल रहे हों। रेस्क्यू इनहेलर में ब्रोंकोडाइलेटर (bronchodilator ) होता है। यह एयरवे को खोलने का काम करता है, जिससे व्यक्ति रिलैक्स महसूस करता है और सामान्य लोगों की तरह सांस ले पाता है। कोशिश करें कि घर से बाहर निकलने के दौरान रेस्क्यू इनहेलर अपने साथ ही रखें। ठंड यदि ज्यादा रही तो संभावना है कि उसके कारण सीओपीडी के मरीजों को परेशानी हो। ऐसे में अच्छा यही होगा कि आप उसके लिए तैयार रहें।
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अलाव से बनाएं दूरी (Make distance from bonfire)
ऐसे लोग जिन्हें श्वांस संबंधी परेशानी है उन्हें सर्दियों में सांस की समस्या से बचाव करने के लिए जहां आग जलाया जा रहा हो उस स्थान से दूरी बनानी चाहिए। आम लोगों की तुलना में लंग्स की समस्या से ग्रसित इंसान को आग के आसपास जाने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। संभव है कि आग से उड़ने वाले छोटे-छोटे कण के कारण उन्हें परेशानी हो। इसके कारण सामान्य लोगों की तरह श्वांस न ले पाने के साथ कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। इसकी वजह से आपके श्वांस नलियों को भी दिक्कत हो सकती है। सर्दियों में गर्माहट के लिए कोशिश करें कि अलाव व फायर जलाने की बजाय इलेक्ट्रिक हीटर आदि का इस्तेमाल करें। यह आपकी सेहत के लिए बेहतर होगा। इससे श्वांस संबंधी परेशानी भी नहीं होगी।