backup og meta

Arnica : मांसपेशियों की सूजन को दूर करने के लिए असरदार है ये होम्योपैथिक दवा

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. स्नेहल सिंह · होम्योपैथी · Wellness Online Clinic Healing Arts


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 10/05/2021

    Arnica : मांसपेशियों की सूजन को दूर करने के लिए असरदार है ये होम्योपैथिक दवा

    आर्निका (Arnica) पीले रंग का फूल होता है, जो डेजी फूल की तरह दिखता है। आर्निका जड़ी बूटी है, जिसका इस्तेमाल होम्योपैथिक दवाएं (Homeopathic Medicine) बनाने में अधिक किया जाता है। आर्निका की खेती कनाडा, यूनाइटेड स्टेट, यूरोप और पूर्वी एशिया में की जाती है। इस फूल को माउंटेन टबैको (mountain tobacco), माउंटेन आर्निका (mountain arnica) के नाम से भी जाना जाता है। होम्योपैथी में आर्निका के डायल्यूट फॉम का इस्तेमाल किया जाता है। आर्निका शरीर को एक नहीं बल्कि कई प्रकार के फायदे पहुंचाने का काम करता है। आर्निका बाल झड़ने की समस्या, गठिया, चोट, इन्फेक्शन और मसल्स या ज्वाइंट्स के दर्द को ठीक करती है। आर्निका का इस्तेमाल बाहरी रूप से किया जाता है। आर्निका अधिक जहरीली और असुरक्षित मानी जाती है, इसलिए इसका इस्तेमाल करने के दौरान अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। जानिए आर्निका शरीर को किस तरह से फायदा पहुंचाती है और इसका इस्तेमाल करते वक्त क्या सावधानीयां रखनी चाहिए?

    और पढ़ें: Agave : रामबांस क्या है ? जानिए इसके फायदे और साइड इफेक्ट

    होम्योपैथिक दवाओं के रूप में आर्निका (Arnica as a homeopathic remedy)

    सैमुअल हैनिमैन ने 1700 में आर्निका को दवा के रूप में खोजा था। आर्निका को कॉन्ट्रोवर्सियल होम्योपैथिक दवा के रूप में भी जानी जाती है। होम्योपैथी में उपचार के दौरान दवा को डायल्यूट किया जाता है यानी दवा की कम मात्रा का इस्तेमाल किया जाता है। होम्योपैथी में ट्रीटमेंट के दौरान दवाओं के साइड इफेक्ट को कम किया जाता है। साथ ही छोटी खुराक के माध्यम से बड़ी बीमारी का इलाज किया जाता है। होम्योपैथिक दवाओं को पिल्स, कैप्सूल या टिंचर फॉर्म (tincture form) में दिया जाता है। आर्निका का इस्तेमाल दर्दनिवारक दवाओं के रूप में किया जाता है। आर्निका को लगभग 10-30 बार डायल्यूट किया जाता है। दवाओं के लेबल पर इस बात की जानकारी C10 और D10 के माध्यम से दी जाती है। होम्योपैथिक दवाओं में आर्निका की बहुत कम मात्रा इस्तेमाल की जाती है। अधिक डायल्यूशन के कारण आर्निका की उपस्थिति को होम्योपैथिक दवाओं में न के बराबर माना जाता है। भले ही आर्निका को जहरीली जड़ी बूटी माना जाता हो लेकिन अधिक डायल्यूशन के कारण आर्निका से बनी होम्योपैथिक दवाओं को सुरक्षित माना जाता है। ज्यादातर मामलों में शरीर में सूजन और दर्द को कम करने के लिए आर्निका का इस्तेमाल किया जाता है। जानिए आर्निका का इस्तेमाल किन स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है।

    और पढ़ें: Broom Corn: ब्रूम कॉर्न क्या है ? जानिए इसके फायदे और साइड इफेक्ट

    इन समस्याओं से राहत के लिए इस्तेमाल किया जाता है आर्निका (Arnica)

    जैसा का हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि आर्निका जहरीला होता है, इसलिए स्वास्थ्य लाभ को लेकर कम ही अध्ययन किए गए हैं। आर्निका के स्वास्थ्य संबंधी लाभ सीमित हैं। जानिए आर्निका का इस्तेमाल करने से किन स्वास्थ्य समस्यओं से राहत मिल सकती है।

    पेन मैनेजमेंट में आर्निका का इस्तेमाल (Pain management)

    आर्निका को एंटी-इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टी के कारण जाना जाता है। आर्निका के पौधे में सूजन से लड़ने वाले प्लांट कम्पाउंड पाए जाते हैं। कुछ कम्पाउंड जैसे कि सेस्क्यूपेरेन लैक्टोन (sesquiterpene lactones), फ्लेवोनोइड (flavonoids) और फेनो एसिड (phenolic acids) आदि सूजन को कम करने का काम करते हैं। आर्निका का इस्तेमाल करने से ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis pain) के दर्द को कम  करने और शारीरिक कार्य में सुधार करने के लिए भी किया जाता है। आर्निका (arnica D30) का सेवन दिन में दो बार करने से मसल्स यानी मांसपेशियों के दर्द से राहत भी मिलती है। इस संबंध में अभी अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। एक्सरसाइज के बाद मसल्स में होने वाले पेन को कम करने के लिए भी आर्निका का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप मसल्स पेन या फिर ऑस्टियोआर्थराइटिस के दर्द से राहत के लिए आर्निका का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा का सेवन बिल्कुल न करें।

    और पढ़ें: Cardamom : इलायची क्या है? जानिए कैसे छोटी सी इलायची है बड़ी गुणकारी

    त्वचा के फटने पर आर्निका का इस्तेमाल (Skin bruising)

    आपने महसूस किया होगा कि जब अंदरूनी चोट लगती है, तो बाहर खून नहीं आता है बल्कि वो स्थान काला हो जाता है। ऐसा त्वचा फटने के कारण होता है। जब चोट लगने पर छोटी ब्लड वैसल्स फट जाती हैं, तो उसे त्वचा का फटना कहते हैं। होम्योपैथिक अर्निका का इस्तेमाल इस समस्या को सही करने के लिए किया जाता है। डॉक्टर आपको इस समस्या से निजात के लिए अर्निका क्रीम लगाने की सलाह दे सकते हैं। क्रीम का इस्तेमाल दिन में कितनी बार करना है और कैसे करना है, इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।

    हेयर लॉस (Hair loss) से निजात के लिए आर्निका

    होम्योपैथिक मेडिसिन में आर्निका का इस्तेमाल हेयर लॉस की समस्या से निजात पाने के लिए भी किया जाता है। साथ ही आर्निका डैंड्रफ को भी दूर करने का काम करती है। आर्निका से युक्त शैम्पू, ऑयल या हाइड्रोजेस का इस्तेमाल हेयर ग्रोथ के लिए किया जाता है। इन सभी प्रोडक्ट में आर्निका की बहुत कम मात्रा इस्तेमाल की जाती हैं। ये सभी वॉटर बेस्ड प्रोडक्ट हैं। हेयर लॉस से निजात पाने के लिए आर्निका का इस्तेमाल फायदा पहुंचाता है या फिर नहीं, इस संबंध में बहुत कम अध्ययन किया गया है। एंटी-इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टी होने के कारण आॉर्निका ऑयल लगाने से सिर की खुजली या जलन से राहत मिलती है। इस संबंध में अभी अधिक रिचर्स की आवश्यकता है। आप हेयर संबंधी परेशानियों के लिए यदि होम्योपैथी ट्रीटमेंट लेने जा रहे हैं, तो डॉक्टर से इस संबंध में जानकारी जरूर लें।

    और पढ़ें: Chinese prickly ash: चाइनीज प्रिक्ली एश क्या है?

    आर्निका के साइड इफेक्ट्स (Risks and side effects of Arnica)

    आर्निका जहरीला पौधा है। इसके सीधे सेवन से बचना चाहिए। इसका सेवन करने से मतली, उल्टी, सांस की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर, हार्टबीट बढ़ने या फिर कोमा में जाने की स्थिति भी पैदा हो सकती है। अगर किसी व्यक्ति ने गलती से आर्निका के पौधे के किसी भाग का सेवन कर लिया है, तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। होम्योपैथिक फॉर्मुलेशन के दौरान आर्निका की बहुत कम मात्रा का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से शरीर को नुकसान नहीं होता है। गर्भवती महिलाओं, बच्चों, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आर्निका का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर गर्भवती महिला आर्निका का सेवन करती है, तो उसके बच्चे में रेड ब्लड सेल्स में कमी आ सकती है। आप डॉक्टर से इस बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आर्निका जेल का इस्तेमाल करने से कुछ लोगों में खुजली, दाने और दर्द की समस्या बढ़ सकती है। खुले घाव में जेल लगाने से बचना चाहिए। जिन लोगों को दवा या जड़ी बूटी से एलर्जी रहती है, उन्हें भी आर्निका का सेवन करने से बचना चाहिए। अगर आप एस्पिरिन और प्लाविक्स ( Aspirin and Plavix) का सेवन कर रहे हैं, तो आपको आर्निका का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप पहले से किसी बीमारी की दवा ले रहे हैं, तो इस संबंध में होम्योपैथिक डॉक्टर को जरूर बताएं।

    [mc4wp_form id=’183492″]

    आर्निका का डोज और स्टोरेज (Dosage and storage)

    चोट या दर्द के इलाज के लिए होम्योपैथिक दवा अर्निका का कितना डोज लेना चाहिए, इस बारे में कोई भी स्टैंडर्ड रिकमंडेशमन (standard recommendations) उपलब्ध नहीं है। ओरल होम्योपैथिक आर्निका ( oral homeopathic arnica) के बहुत से प्रोडक्ट मार्केट में उपलब्ध हैं, जिनकी अलग-अलग खुराक ली जाती है। कुछ प्रोडक्ट जैसे कि C12, C30 और C200 आदि में आर्निका की बहुत कम मात्रा पाई जाती है। आर्निका जेल के इस्तेमाल के पहले लेबल में दी गई जानकारी को अच्छे से पढ़ना चाहिए। ज्यादातर ओवर-द-काउंटर प्रोडक्ट को तीन सप्ताह में दो से तीन बार लगाना चाहिए। आर्निका के सभी प्रोडक्ट को ठंडे और सूखे स्थान रखें और साथ ही सूर्य की रोशनी में दवा को न रखें। आर्निका का मौखिक सेवन करने से पहले होम्योपैथिक एक्सपर्ट से जानकारी जरूर लें।

    हम उम्मीद करते हैं कि आपको आर्निका से संबंधित येआर्टिकल जरूर पसंद आया होगा। आप बिना डॉक्टर से सलाह लिए किसी भी अल्टरनेटिव मेडिसिन का सेवन न करें। कुछ होम्योपैथिक मेडिसिन देर से असर करना शुरू करती हैं। आपको बीमारी का इलाज कराने के दौरान संयम रखना होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. स्नेहल सिंह

    होम्योपैथी · Wellness Online Clinic Healing Arts


    Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 10/05/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement