कोविड-19 के समय से आप लोगों ने एंटीबॉडीज का नाम सुना ही होगा। एंटीबॉडी या सीरोलॉजी टेस्ट (serology test) पुराने वायरल इंफेक्शन और इसके प्रति शरीर की इम्यून रेस्पॉन्स का पता लगाने के लिए किया जाता है। ये कई तरह के होते हैं, उनमें से ही एक है आईजीजी एंटीबॉडीज (IgG antibodies)। जो आपके ब्लड में इम्युनोग्लोबुलिन के लेवल को मापने के लिए एक इम्युनोग्लोबुलिन टेस्ट किया जाता है, जिसे एंटीबॉडी भी कहा जाता है। एंटीबॉडी बैक्टीरिया, वायरस (virus), फंगस, एनिमल डांडेर (animal dander), या कैंसर सेल्स के रेस्पॉन्स में बॉडी की इम्यून सिस्टम द्वारा बनाए गए सब्स्टांसेस हैं। एंटीबॉडी फॉरेन सब्स्टांसेस से अटैच हो जाते हैं इसलिए इम्यून सिस्टम उन्हें डिस्ट्रॉय कर सकती है। लेकिन, अगर इम्यून सिस्टम एंटीबॉडी के लो लेवल बनाती है, तो आपको बार-बार इंफेक्शन होने की अधिक संभावना हो सकती है। इस आर्टिकल के जरिए आपको आईजीजी एंटीबॉडीज के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी, जो आपके लिए बेनेफिशियल साबित होगी। इससे आप समझ सकते हैं कि आईजीजी एंटीबॉडीज के लो लेवल या हाई लेवल से आपका शरीर कैसे प्रभावित होता है ।