इटोलिजमैब- (Itolizumab)
कोविड के मॉडरेड से सीरियस पेशेंट के लिए इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। यह बायोकॉन (Biocon) द्वारा विकसित ‘फर्स्ट क्लास’ ह्यूमनाइज्ड (humanized) IgG1 मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (monoclonal antibody) है। यह हाइपरएक्टिव इम्यून रिस्पॉन्स (hyperactive immune response) को कंट्रोल करने में मदद करता है। टोसिलिजमैब (Tocilizumab) भी यही काम करता है, लेकिन दोनों की टाइमिंग अलग होती है।
रेमडीसिविर (Remdesivir)
विदेशों के साथ ही भारत में भी पड़े पैमाने अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए इसका इस्तेमाल होता है। यह दवा इंजेक्शन के जरिए दी जाती है और एंटी वायरल ड्रग (Anti-viral drug) है। कई अध्ययन में इसे असरदार माना गया है और यह कोविड मरीजों (Covid patient) को जल्दी रिकवर होने में मदद करता है।
भारत की मशहूर दवा निर्माता कंपनी सिप्ला (Cipla) ने सिप्रेमी (Cipremi) नाम से अपना रेमडीसिविर (Remdesivir) लॉन्च किया है। कोविड-19 संक्रमण (COVID-19 infection) के कारण अस्पताल में भर्ती व्यस्कों केलिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह दवा खासतौर पर उन मरीजों के लिए बहुत असरदार मानी जा रही है जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट (oxygen support) की जरूरत पड़ती है।
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फैबीफ्लू (FabiFlu)
दुनियाभर में हुए इस दवा के ट्रायल के बाद इसे कोरोना के इलाज में 80-88 प्रतिशत असरादार माना जा रहा है। भारत के अलावा, जापान, बांग्लादेश और यूएई में पहले से ही कोविड-19 के इलाज में इसका इस्तेमाल हो रहा है। यह दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों के अलावा होम आइसोलेशन (Home isolation) में रह रहे कोरोना के मॉडरेट मरीजों को भी दी जाती है, लेकिन कभी भी इसे बिना डॉक्टर की सलाह के न लें। कोरोना में सेल्फ मेडिकेशन (Self-medication in corona) आपकी स्थिति को सुधारने की बजाय बिगाड़ सकता है। फैबीफ्लू FabiFlu) एंटीवायरल दवा (Anti-viral drug) है और यह वायरल लोड को तेजी से कम करने के लिए दी जाती है, लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं (Pregnant women) और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आमतौर पर इसे लेने की सलाह नहीं दी जाती है। प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीड (Breastfeed) कराने वाली महिलाओं को यदि संक्रमण (Infection) होता है तो उन्हें कोरोना में सेल्फ मेडिकेशन (Self-medication in corona) करने की बजाय डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।
स्टेरॉयड: डेक्सामेथासोन (Steroids: Dexamethasone)
इसका इस्तमाल कोविड-19 (Covid-19) के गंभीर मरीजों के लिए किया जाता है। जानकरों के मुताबिक यह डेथ रेट को कम करने में मददगार है, लेकिन डॉक्टर कोरोना के माइल्ड और मॉडरेट केसेस में इसके इस्तेमाल की सलाह नहीं देते, क्योंकि इसके गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं, केवल गंभीर मामलों में ही इसे मरीजों को दिया जाता है। तो कोरोना में सेल्फ मेडिकेशन (Self-medication in corona) के तहत इस दवा को खुद से लेने की गलती न करें।