इलेक्ट्रिक शॉक की वजह से कंपार्टमेंट सिंड्रोम की भी समस्या हो सकी है। ऐसा तब होता है जब मांसपेशियों को हुई क्षति के कारण लिंब में सूजन हो जाए। हालांकि कंपार्टमेंट सिंड्रोम के लक्षण इलेक्ट्रिक शॉक के तुरंत बाद नजर नहीं आते हैं, इसलिए शॉक लगने के बाद अपने बांह और पैरों पर नजर रखें।
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प्राथमिक उपचार (First Aid)
इलेक्ट्रिक शॉक के लिए प्राथमिक उपचार (First Aid for Electric Shock)क्या है?
यदि आपको घर के बिजली के उपकरण जैसे मिक्सर, ओवन आदि ये किसी तरह का मामूली इलेक्ट्रिक शॉक लगता है तो इलाज की जरूरत नहीं है, लेकिन इलेक्ट्रोक्यूशन यानी हाई वॉलटेज इलेक्ट्रिक शॉक की वजह से गंभीर रूप से घायल होने पर तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
यदि आपके आपसाप किसी को हाय वॉलटेज इलेक्ट्रिक शॉक लगता है तो तुरंत अस्पताल के इमरजेंसी नंबर पर संपर्क करें। सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल और प्रिवेंशन के मुताबिक, किसी को गंभीर इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर उसकी मदद के दौरान आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिएः
- घायल व्यक्ति व्यक्ति को छुए नहीं, क्योंकि वह इलेक्ट्रिकल करेंट के संपर्क में हो सकता है।
- यदि हॉय वॉलटेज तार या उपकरण से करेंट लगा है तो अस्पताल के आपात नंबर पर फोन करें।
- इलेक्ट्रिक शॉक यदि किसी ऐसे स्रोत से लगा है जिसका स्विच बंद करना सुरक्षित तो आप तुरंत स्विच ऑफ कर दें, यदि ऐसा नहीं है तो किसी लकड़ी, कार्डबोर्ड या प्लास्टिक की मदद से शॉक के स्रोत को पीड़ित व्यक्ति से अलग करें।
- एक बार स्रोत अलग करने पर पीड़ित व्यक्ति की नाड़ी चेक करें कि वह सांस ले रहा है या नहीं। यदि सांस धीमी गति से चल रही है तो उसे तुरंत CPR (मुंह से सांस देना) देने की जरूरत है।
- यदि पीड़ित व्यक्ति बेहोश है और शरीर पीला पड़ गया है तो उसे सीधा लिटाकर सिर को शरीर से नीचे की तरफ रखें और पैर को ऊपर उठाएं।
- पीड़ित के जले हुए कपड़े या जले हुए स्थान को छुए नहीं।