के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
एबसेस यानी की फोड़ा एक तरह का बाहरी उभार वाला घाव होता है जिसमें ऊतकों (Tissues) के द्वारा एक दीवार बन जाती है, जिसमें पस (Pus) भर जाता है। ऐसा तब होता है जब हमारे शरीर में किसी भी तरह का संक्रमण होने लगता है। तब उस इंफेक्शन से बचाव के लिए शरीर पर फोड़ा निकलता है। ये गांठ के रूप में होता है और दर्द करता है। फोड़ा शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। कभी-कभी ये गंदगी के कारण पैदा होते हैं और ध्यान न देने के कारण ये बढ़ जाते हैं। कई बार समस्या बढ़ जाने पर फोड़े की सर्जरी करनी पड़ती है।
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कुछ लोग फोड़े को नजरअंदाज कर देते हैं। यह समस्या गंभीर रूप तब लेती है, जब फोड़ा और बढ़ने लगता है और तकलीफ देने लगता है। फिर समस्या इतनी बढ़ जाती है कि एबसेस सर्जरी करने की नौबत तक आ सकती है। आमतौर पर फोड़े की सर्जरी की जरूरत तब पड़ती है जब वह बढ़ता चला जाता है। लगभग एक सेंटीमीटर बड़े एबसेस सर्जरी करनी पड़ती है। इसके अलावा तब यह और भी जरूरी हो जाता है जब इसमें ज्यादा पस भरता है और दर्द होता है। फोड़े के ज्यादा बढ़ने पर इतना दर्द होता है कि फोड़े की सर्जरी करनी पड़ सकती है। कई मामलों में अगर फोड़े की सर्जरी नहीं की जाती तो इंफेक्शन बढ़ सकती है। यूं तो फोड़ा अपने आप पक कर बह जाता है और ज्यादा दिन तक नहीं रहता है लेकिन, कुछ गंभीर मामलों में एबसेस सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
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कई बार एबसेस सर्जरी कराने के बाद इसके कई साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिल सकते हैं। डॉक्टर द्वारा फोड़ा की सर्जरी कराने के बाद आपको कई तरह के कॉम्प्लिकेशन देखने को मिलते हैं, जैसे :
इसके अलावा, एबसेस सर्जरी में होने वाले सभी तरह के रिस्क और कॉम्प्लिकेशन के बारे में ऑपरेशन कराने से पहले ही जान लें। इसके अलावा किसी भी तरह के मन सवाल आने पर अपने डॉक्टर या सर्जन से जरूर पूछें और ऑपरेशन के पहले सारी बातें स्पष्ट कर लें, ताकि आपको कोई परेशानी न हो और आप जल्दी रिकवर कर पाएं।
अगर आप एबसेस सर्जरी कराने वाले हैं तो आपको खुद को तैयार करना होगा। एक छोटे से फोड़े को तो साधारण एनेस्थेटिक भी देख सकता है। लेकिन, अगर आप चाहे तो जनरल एनेस्थेटिक के पास जा सकते हैं। इसके अलावा अपने डॉक्टर के पास जा कर सर्जरी से पहले अपने खान-पान आदि चीजों के बारे में बात कर लें, जिससे आपको सर्जरी के समय किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो।
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फोड़े की सर्जरी होने में मात्र 10 से 20 मिनट का समय लगता है। आपका सर्जन आपकी त्वचा पर उस स्थान पर चीरा या कट लगाता है, जहां पर फोड़ा हुआ रहता है। इसके बाद फोड़े को अंदर जमा पस को सर्जन निकाल देता है। अगर फोड़ा ज्यादा भीतर तक नहीं होता है तो वो अपने आप भर (Heal) जाता है। लेकिन, अगर फोड़ा त्वचा में ज्यादा गहरे तक होता है, तो उसकी सर्जरी करने के बाद डॉक्टर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाकर पट्टियां बांधता है। इस दौरान अगर आपको किसी भी तरह की समस्या होती है तो आप डॉक्टर को तुरंत बताएं।
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एबसेस सर्जरी कराने के बाद आपको अपना खास ख्याल तब तक रखना होता है, जब तक कि घाव भर न जाए।
उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में फोड़े की सर्जरी से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब मिल गए होंगे। इसमें आपको एबसेस सर्जरी की प्रक्रिया से लेकर फोड़े की सर्जरी के बाद खुद की देखभाल करने तक के बारे में बताने की कोशिश की है। इसके अलावा आपको हमने ये भी बताया कि एबसेस सर्जरी की जरूरत कब पड़ती है। आशा करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा और एबसेस सर्जरी से जुड़ी जरूरी जानकारियां आपको यहां मिल गई होंगी। अगर इस समस्या से जुड़े आपके और कोई भी सवाल हैं, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपको डॉक्टर की सलाह से और भी सटीक जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने सर्जन से जरूर पूछ लें।
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