फैक्ट: लेजर आई सर्जरी दर्द रहित है। प्रक्रिया के दौरान आंख को सुन्न करने के लिए एनेस्थेटिक ड्रॉप्स का उपयोग किया जाता है। प्रक्रिया के बाद, रोगी सिर्फ कुछ घंटों के लिए आंखों में सेंसेशन जैसी असुविधा होती है। हालांकि, बहुत कम ही लोग हैं जो इस डिस्कंफर्ट का अनुभव करते हैं। बहुत से केसेस में आई इर्रिटेशन को दूर करने के लिए डॉक्टर्स बस एस्पिरिन या इबुप्रोफेन लेने की सलाह देते हैं।
और पढ़ें : डायबिटिक रेटिनोपैथी: आंखों की इस समस्या की स्टेजेस कौन-सी हैं? कैसे करें इसे नियंत्रित
मिथ: लेसिक ट्रीटमेंट बुजुर्ग लोगों के लिए नहीं है।
फैक्ट: लेसिक ट्रीटमेंट के लिए आपकी उम्र कम से कम 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। लेसिक सर्जरी के लिए कोई अपर एज रिस्ट्रिक्शन नहीं है। बस इसके लिए एक ही शर्त है कि आंखों की हेल्थ ठीक होनी चाहिए। 40, 50 और 60 की उम्र के जिन लोगों की स्वस्थ आंखें हैं, वे लेजर के लिए उपयुक्त हैं।
जैसे-जैसे आप बूढ़े होते हैं, आपकी आंखें कई हेल्थ कंडीशंस के लिए जोखिम में होती हैं, जो आपको लेजर ट्रीटमेंट से रोक सकती हैं। मैक्यूलर डिजनरेशन, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा तीन ऐसी ही उम्र से संबंधित स्वास्थ्य स्थितियां हैं।
और पढ़ें : जानें किस कलर के सनग्लासेस होते हैं आंखों के लिए बेस्ट, खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
मिथ: लेसिक सर्जरी आपको अंधा कर सकती है।
फैक्ट: लेजर सर्जरी के परिणामस्वरूप रोगी के अंधे होने का एक भी मामला दर्ज नहीं है। वास्तविकता यह है कि लेसिक कॉर्निया को फिर से आकार देने के लिए आंख की सतह परत का इलाज करता है। इससे होने वाली जटिलताएं बहुत ही दुर्लभ हैं। प्री-ऑपरेटिव कंसलटेशन और एग्जामिनेशन के दौरान, नेत्र चिकित्सक रोगी के साथ सभी संभावित जोखिमों की समीक्षा करते हैं। साथ ही यह भी निर्धारित करते हैं कि मरीज लेजर ट्रीटमेंट के लिए उचित है या नहीं।
और पढ़ें : आंख में कुछ चले जाना हो सकता है बेहद तकलीफ भरा, जानें ऐसे में क्या करें और क्या न करें
मिथ: लेजर से आंखें जल सकती हैं।