इस प्रकार के स्प्रिचुअल किगोंगमैन मेडिटेशमन (Spiritual QigongMan meditating) में आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए मंत्रों, मुद्राओं (हाथ की स्थिति), ध्यान और प्रार्थनाओं को किया जाता है। ये टेक्नीक बौद्ध धर्म (Buddhism), ताओवाद (Taoism) और कन्फ्यूशीवाद (Confucianism) से काफी प्रभावित हैं।
किगोंग का लक्ष्य उन असंतुलनों को ठीक करना है जो एक व्यक्ति के पूरे जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। असंतुलन जैसे कि तनाव (Stress), क्रोध, चिंता, अवसाद, दु: ख, आदि कई बीमारियों का कारण बनता है। स्ट्रेस के कारण शरीर में हॉर्मोनल बदलाव भी होते हैं। ऐसे में किगोंग प्रैक्टिस करने से इन सभी समस्याओं से राहत मिलती है, जिसके कारण ब्लड में शुगर का लेवल कंट्रोल में रहता है। अगर आपको अभी भी किगोंग और शुगर कंट्रोल (Qigong and sugar control) का संबंध समझ नहीं आया है, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर प्राप्त करें।
और पढ़ें:क्या टाइप 2 डायबिटीज होता है जेनेटिक? जानना है जवाब तो पढ़ें यहां
अगर एक बार डायबिटीज की बीमारी हो जाए, तो इससे पीछा छुड़ाना आसान नहीं होता है। अगर आप रोजाना हेल्दी डाइट लेने के साथ ही एक्सरसाइज भी करते हैं, तो तो काफी हद तक आप ब्लड में शुगर के लेवल (Blood sugar level) को कंट्रोल में रख सकते हैं। अगर आप इन दोनों ही बातों का ख्याल नहीं रखते हैं, तो ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ता जाएगा और साथ ही कई सारी और भी समस्याएं शुरू हो जाएंगी। आप इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करें और इस दौरान किस थेरिपी को अपनाना चाहिए, इस बारे में भी डॉक्टर से पूछें। ऐसा करने से आप डायबिटीज की बीमारी के दौरान भी स्वस्थ्य रह सकते हैं। किगोंग और शुगर कंट्रोल (Qigong and sugar control) के संबंध में एक्सपर्ट से जानकारी प्राप्त करें।
इस आर्टिकल में हमने आपको किगोंग और शुगर कंट्रोल (Qigong and sugar control) के बारे में बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।