वजन कम करने के लिए व्हे प्रोटीन (Whey Protein for Weight loss)
व्हे प्रोटीन (Whey Protein) के हेल्थ बेनिफिट्स में वेट मेंटेनेंस अहम है। व्हे प्रोटीन का सीमित मात्रा में सेवन शरीर को लाभ पहुंचाता है लेकिन प्रोटीन की मात्रा को यदि थोड़ा बढ़ा दिया जाए, तो ये वेट लॉस को बढ़ावा दे सकता है। व्हे प्रोटीन भूख को कम करने का काम कर सकता है, क्योंकि ये और साथ ही लो कैलोरी इंटेक में मदद करता है। मेटाबॉलिज्म रेट को बढ़ाकर ये कैलोरी को कंट्रोल में रख सकता है और फैट को भी जलाने का काम करता है। इन कारणों से वजन में कमी आती है।
इस विषय पर अधिक जानकारी देते हुए जानीमानी न्यूट्रीशनिस्ट, डायटिशियन और फ़िटनेस एक्स्पर्ट मनीषा चोपड़ा बताती हैं, “व्हे प्रोटीन का इंटेक धीरे-धीरे बढ़ाते हुए करना बेहतर माना जाता है। जब आप दूसरी कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों को व्हे प्रोटीन का सेवन कर रिप्लेस करते हैं, तो ये वेट लॉस के साथ-साथ आपकी सेहत को कई तरह से फ़ायदा पहुंचा सकता है।”
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क्रॉनिक डिजीज का खतरा होता है कम
शरीर को एंटीऑक्सिडेंट जरूरत होती है ताकि ऑक्सिडेशन से शरीर को बचाया जा सके। ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करके कई क्रॉनिक बीमारियों के रिस्क को कम किया जा सकता है। ज्यादातर एंटीऑक्सिडेंट हमें डायट के माध्यम से प्राप्त होत हैं। व्हे प्रोटीन का सेवन करने से ग्लूटाथियोन (glutathione) का प्रोडक्शन बढ़ जाता है। हाई सिस्टीन फूड्स खाने से बॉडी की नैचुरल एंटीऑक्सिडेंट डिफेंस बढ़ जाती है। व्हे प्रोटीन का सेवन करने से नैचुरल एंटीऑक्सिडेंट डिफेंस बढ़ जाता है। इस तरह से शरीर को कई क्रॉनिक डिजीज के रिस्क से छुटकारा मिल सकता है।
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मसल ग्रोथ के लिए व्हे प्रोटीन (Whey Protein for Muscle Growth)
नैशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नॉलॉजी इन्फ़र्मेशन में छपी एक स्टडी के मुताबिक शुरुआती समय में प्रोटीन के इंटेक से भले ही व्यक्ति के लीन मास में फर्क़ नजर ना आए, लेकिन समय के साथ जब ट्रेंड या अंतरेंद व्यक्ति अपनी रेसिसटेंस ट्रेनिंग को बढ़ाते हुए प्रोटीन सप्लिमेंट लेते हैं, तो उनकी मसल हायपरट्रोफी में इज़ाफ़ा और मसल स्ट्रेंथ में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। साथ प्रोटीन सप्लिमेंट आपके एरोबिक और एनरोबिक पावर को भी बढ़ा सकता है। इसे आसान शब्दों में समझें तो –
मसल यानी मांसपेशियों की ग्रोथ समय के साथ ही कम होने लगती हैं। उम्र बढ़ने के साथ ही मसल्स कम होने से शरीर में कमजोरी का एहसास हो सकता है। इस कारण के चलते फैट गेन होता है और साथ ही क्रॉनिक डिजीज का खतरा भी बढ़ने लगता है। अगर डायट के साथ ही एक्सरसाइज पर ध्यान दिया जाए, तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान हाय प्रोटीन की डोज लेने से सकारात्मक परिणाम दिखाई पड़ सकते हैं। व्हे प्रोटीन में अमीनो एसिड की रिच चेन ल्यूसिन (leucine) पाई जाती है। ल्यूसिन ग्रोथ प्रमोटिंग अमीनो एसिड है। एज रिलेटेड मसल लॉस को रोकने के लिए व्हे प्रोटीन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये बॉडी स्ट्रेंथ को मेंटेन रखता है और शरीर को तंदरुस्त भी बनाता है। व्हे प्रोटीन के हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह ली जा सकती है।
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इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज से राहत (Inflammatory Bowel Disease)