क्रॉनिक ग्रैन्युलोमेटेस डिजीज के कारण क्या हैं? (Causes of Chronic Granulomatous Disease)
क्रॉनिक ग्रैन्युलोमेटेस डिजीज (Chronic Granulomatous Disease) एक जेनेटिक डिसऑर्डर की तरह है, जिसे प्राइमरी इम्यूनोडेफिशियेंसी डिजीज भी कहा जाता है। इन बीमारियों से पीड़ित लोगों का इम्यून सिस्टम ठीक से काम नहीं करता है। इम्यून सिस्टम का ठीक से काम करने के लिए व्हाइट ब्लड सेल का सही से काम करना जरूरी है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति वाले लोगों में फॉल्टी जीन (Faulty Gene ) होता है
इस रोग से जुड़े जेनेटिक म्युटेशन हेरेडिटेरी होते है। डॉक्टर क्रॉनिक ग्रैन्युलोमेटेस डिजीज जीन के अनुसार इसे दो भागों में बांटते हैं:
- एक्स-लिंक्ड क्रॉनिक ग्रैन्युलोमेटेस डिजीज (X-linked Chronic Granulomatous Disease) : यह सबसे सामान्य तरह की बीमारी है, जिसमें CYBB (Cytochrome B-245 Beta Chain) जीन की म्युटेशन शामिल है। यह हमेशा पुरुषों को प्रभावित करता है।
- ऑटोसोमल रिसेसिव क्रॉनिक ग्रैन्युलोमेटेस डिजीज (Autosomal Recessive Chronic Granulomatous Disease) : CYBA, NCF1, NCF2, CYBC1, or NCF4 जीन में म्यूटेशन, इस तरह के क्रॉनिक ग्रैन्युलोमेटेस डिजीज का कारण बनता है।
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बच्चों में क्रॉनिक ग्रैन्युलोमेटेस डिजीज (Chronic Granulomatous Disease in Children)
क्रॉनिक ग्रैन्युलोमेटेस डिजीज (Chronic Granulomatous Disease) के लक्षण शिशु के जन्म के बाद से लेकर वयस्कता तक कभी भी नजर आ सकते हैं। इससे पीड़ित बच्चों में पांच साल की उम्र से पहले ही निदान हो जाता है। इससे पीड़ित बच्चे जन्म के समय आमतौर पर स्वस्थ्य होते हैं, लेकिन बचपन की शुरुआत तक उनमें गंभीर इंफेक्शन हो सकता है। अगर माता-पिता को यह समस्या है, तो बच्चे में इस समस्या के निदान के लिए देरी न करें। यदि आपको लगता है कि आपको या आपके बच्चे को डेड लेविस, गीली या सुखी घास के आसपास रहने से एक प्रकार का फंगल निमोनिया हो रहा है, तो तुरंत इमरजेंसी मेडिकल केयर लें। यदि आपको या आपके बच्चे को बार-बार यह संक्रमण होता है और उसके लक्षण ऊपर बताए अनुसार हैं , तो अपने डॉक्टर से बात करें।
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क्रॉनिक ग्रैन्युलोमेटेस डिजीज (Diagnosis of Chronic Granulomatous Disease)
क्रॉनिक ग्रैन्युलोमेटेस डिजीज (Chronic Granulomatous Disease) के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले इस रोग के लक्षणों के बारे में जानते हैं। उसके साथ ही फैमिली हिस्ट्री जानी जाती है और अन्य कई टेस्ट कराये जाते हैं, जो इस प्रकार हैं
शारीरिक जांच (Physical Exam) : शारीरिक जांच से डॉक्टर सूजन और ग्रैनुलोमा का निदान कर सकते हैं।
ब्लड टेस्ट (Blood Tests) : डॉक्टर ब्लड टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं, जिसमें एक खास टेस्ट होता है जिसे नाइट्रोब्लू टेट्राजोलियम (Nitroblue Tetrazolium) कहा जाता है। इस टेस्ट में ब्लड के सैंपल में केमिकल डाला जाता है ताकि व्हाइट ब्लड सेल्स की रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (Reactive Oxygen Species) बनाने की क्षमता को जांचा जा सके।
जेनेटिक टेस्टिंग (Genetic Testing) : इस टेस्ट में डॉक्टर आपके ब्लड और टिश्यू के सैंपल की जांच करते हैं। ताकि, क्रॉनिक ग्रैन्युलोमेटेस डिजीज (Chronic Granulomatous Disease) का कारण बनने वाले फौल्टी जीन की पहचान कर सकें।
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